कैलाश विजयवर्गीय ने “रावण मुक्ति: परिवर्तन और विजय की कथा” में रावण और राम के बीच हुए महायुद्ध का वर्णन किया है. इस कथा में रावण की आत्मा का रावण की नाभि में होना बताया गया है, जिसे रामजी ने विभीषण की सहायता से खोजा और 31 बाणों से रावण का वध किया, जो रावण की मुक्ति का प्रतीक है. यह कथा रामजी की करुणा दया और प्रेम को दर्शाती है Visit For More Info : Kailash Vijayvargiya